Apko meri Baisakhi ki story mein swagat hai. Aj ham sunege ak achisi motivition story.
एक निर्णय :
मेदीनि नाम के गाँव में एक छोटा सा स्कूल था। गाँव की सभी बचे उसी स्कूल मै पढ़ते थे। एक राघव नाम का बच्चा वहाँ दसवीं कक्षा में पढ़ता था। उसको पढाई मै मन नहीं लगता था वह हमेशा अपने दोस्तों के साथ खेलता रहता और अपना समय बर्बाद करता । ऐसे ही देखते देखते board exam का समय आ गया। सभी मन लगाकर पढ़ने लगे पर राघब और उसके दोस्त पढ़ाई छोड़ के हमेशा खेलने के लिए चले जाते। कुछ समय के बाद exam का दिन आ गया सभी exam दिय।
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महीने के बाद exam का result निकल आया। राघव exam में फैल हो चुका था पर फैल होने का उसको ज़रा भी दुख नहीं था । क्योंकि उसे पता था उसके दोस्त भी फैल हो गए होंगे क्योंकि उन्होंने भी पढ़ाई नहीं किये थे और खेल कूद में समय बिताय थे। राघव झट से अपने दोस्तों के घर चला गया result पूछने के लिए। पूछने पर पता चला राघव के सभी दोस्त पास हो चुके थे बस अकेला राघव फैल हो गया था। राघव के आँखों के सामने सभी दोस्त और पढ़ने के लि शहर चले गए बस राघव अकेला गाँव में रह गया यह देख कर राघव पुरा टूट गया था । तभी उसके जीवन में और एक दुखद पूर्ण समय आया उसके पिताजी एक road accident में गुज्जर गए। उसके बाद परिवार पुरा बिखर गया । तभी राघव एक निर्णय लिया अपने परिवार की परिस्थिति को खुद ठीक करेगा।
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10th board दुबारा देने के लिए सोचा और उसके लिए ये दिन- रात एक करके पढ़ने लगा। इस बार राघव अपने गाँव मे टॉप किया था। उसने भी आगे की पढाई शहर में खत्म की और एक बड़ा अध्यापक बना। उसने अपने गाँव में एक विद्यालय की स्थापना की। और अपने परिवार का नाम रोशन किया।
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• इस कहानी में हमें 2 चीज सीखने के लिए मिला-1) किताब से बड़ा कोई मित्र नहीं।
2) कोई चीज को पाने के लिए मन से इच्छा हो तो कोई काम असंभव नहीहोता।
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